केशव दास जी का साहित्य परिचय निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर लिखिए – (१) दो रचनाएं , (२) भाव पक्ष – कला पक्ष , (३) साहित्य में स्थान।
रचनाएं-
वीर चरित्र , विज्ञान गीता , कवि प्रिया , रसिक प्रिया।
भाव पक्ष-
केशवदास की रचनाओं में परिस्थिति अनुसार रसों की निष्पत्ति हुई है। शांत रस निर्वेद की दशा में है। केशवदास दरबारी कवि थे। इनकी कविता में नैतिक मूल्यों की रक्षा की गई है।
कला पक्ष-
केशव दास ने अपनी ग्रंथों की रचना ब्रजभाषा में ही की है। कहीं-कहीं इनकी रचनाओं में दुरूहता आ गई है। केशव दास ने उपमा रूपक उत्प्रेक्षा आदि अलंकारों का अपनी काव्य में प्रयोग किया है।
केशव लक्षण ग्रंथों के रचयिता रहे हैं।
केशव के संवाद योजना बेजोड़ हैं।
साहित्य में स्थान-
केशव दास जी हिंदी के प्रमुख आचार्य हैं उनकी समस्त रचनाएं शास्त्रीय रीतिबद्ध है। अपने लक्षणों ग्रंथों के लिए वे सदा स्मरणीय रहेंगे।