कबीर दास जीवन परिचय | kabir das ka jivan parichay

कबीर दास – जीवन परिचय | kabir das ka jivan parichay

कबीर दास जीवन परिचय | kabir das ka jivan parichay

कवि परिचय

कबीरदास [ kabir das ]

परिचय:
संत कबीरदास हिंदी साहित्य के भक्ति काल के महान कवि थे। उनका जन्म 15वीं शताब्दी में काशी (वर्तमान वाराणसी) में हुआ था। उनका पालन-पोषण एक मुस्लिम जुलाहा दंपति, नीरू और नीमा ने किया। कबीरदास निर्गुण भक्ति मार्ग के प्रवर्तक थे और उन्होंने समाज में व्याप्त पाखंड, अंधविश्वास, जात-पात और धार्मिक कट्टरता का विरोध किया। उनका जीवन सादगी, सत्य और प्रेम का प्रतीक रहा।

रचनाएं:
कबीर की रचनाएं साखी, सबद, और रमैनी के रूप में मिलती हैं। उनकी वाणी ‘बीजक’ नामक ग्रंथ में संकलित है, जो कबीर पंथियों द्वारा संरक्षित है। उनके दोहे अत्यंत प्रसिद्ध हैं।

    कबीर की रचनाओं को सा-सु-रा-बीज” ट्रिक से याद रखें:

🔹 सासाखी
🔹 सुसबद
🔹 रारमैनी
🔹 बीजबीजक

📌 याद रखने की ट्रिक:
सा-सु-रा बीज बोया कबीर ने भक्ति के खेत में”

भाव पक्ष:
कबीर की वाणी में आध्यात्म, मानवता, प्रेम, भक्ति और सामाजिक चेतना की झलक मिलती है। उन्होंने ईश्वर को निर्गुण बताया और आत्मा-परमात्मा के मिलन पर बल दिया।

कलापक्ष:
कबीर की भाषा सधुक्कड़ी है जिसमें हिंदी, ब्रज, अवधी और उर्दू के शब्द मिलते हैं। उनकी शैली सीधी, सटीक, और प्रभावशाली है। दोहों में लय और छंद की सुंदरता है।

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साहित्य में स्थान:
कबीरदास हिंदी साहित्य में भक्ति आंदोलन के प्रमुख स्तंभ हैं। उनकी वाणी आज भी जनमानस को प्रेरणा देती है और समाज को दिशा दिखाती है।

 

Poet Introduction Kabirdas

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