MP Board कक्षा 9वीं संस्कृत Arddhavaarshik Paper 2025-26: सम्पूर्ण जानकारी और तैयारी का मार्गदर्शन मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) द्वारा आयोजित कक्षा 9वीं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा छात्रों के लिए साल की पहली और सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा न केवल छात्रों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है बल्कि उन्हें वार्षिक बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करने में भी मदद करती है।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए, यह परीक्षा छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो उन्हें अपने पाठ्यक्रम (syllabus) की शुरुआती समझ और तैयारी का मौका देती है। इस लेख में, हम आपको MP Board 9th अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2025-26 से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें टाइम टेबल, सिलेबस, प्रश्न पत्र और तैयारी की रणनीतियाँ शामिल हैं।

यहाँ से डाउनलोड करें:
नीचे दी गई तालिका में, आप सभी विषयों के लिए MP Board 9th All Subject Arddhavaarshik Paper 2025-26 डाउनलोड कर सकते हैं। हमने प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग लिंक प्रदान किए हैं।
| विषय (Subject) | डाउनलोड लिंक (Download Link) |
|---|---|
| हिंदी (Hindi) | डाउनलोड करें |
| अंग्रेजी (English) | डाउनलोड करें |
| गणित (Mathematics) | डाउनलोड करें |
| विज्ञान (Science) | डाउनलोड करें |
| सामाजिक विज्ञान (Social Science) | डाउनलोड करें |
| संस्कृत (Sanskrit) | डाउनलोड करें |
MP Board 9th संस्कृत अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2025-26 -PDF Download –
अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2025-26
कक्षा – 9वीं
विषय – संस्कृत (Science)
निर्देश –
- सर्वे प्रश्नः अनिवार्य: सन्ति।
- प्रश्नानां सम्मुखे निर्धारिता: अडका प्रदता:।
- प्रश्नानां उतराणि संस्कृत भाषायां देयानि ।
प्रश्न 1. उचित विकल्पं चित्वा लिखत — (6)
(क) ‘जनकेन’ इत्यास्मिन पदे वचनम् अस्ति —
(अ) प्रथमा (ब) तृतीया (स) चतुर्थी (द) पंचमी
(ख) ‘उपहार:’ इत्यास्मिन पदे उपसर्ग: अस्ति —
(अ) उप (ब) उत् (स) हार (द) उ
(ग) अधोलिखितेषु षष्ठी विभक्तम् शब्द: अस्ति —
(अ) बालके (ब) बालकम् (स) बालकयो: (द) बालकाद
(घ) सुपुत्र:’ पदे उपसर्ग: अस्ति –
(अ) सुपु (ब) त्र: (स) सु (द) सम्
(ड) ‘युवाभ्याम्’ इत्यास्मिन पदे वचनम् अस्ति —
(अ) एकवचनम् (ब) मृदुवचनम् (स) द्विवचनम् (द) बहुवचनम्
(च) अधोलिखितेषु संज्ञापदं नास्ति —
(अ) पठ् (ब) पुस्तकं (स) बालक: (द) व्यंजनम्
प्रश्न 2. रिक्त स्थानानि पूरयत् — (6)
(क) स्वजन: कुत्र प्रहरति………………………..।
(ख) क: प्रिय: अपि त्याज्य:………………………..।
(ग) ‘अन्धकार:’ इत्यस्य विलोम पदं………………………..।
(घ) लौहतुला पाठ: अस्ति ………………………..।
(ड) षणिक्पुव्रस्य नाम किम् ………………………..।
(च) आचार्य: कम् अनुशास्ति………………………..।
प्रश्न 3. युग्ममेलनं कुरुत — (6)
- रामस्य — षष्ठी, बहुवचनम्
- फलानाम् — चतुर्थी एकवचनम्
- लतायै: — षष्ठी, एकवचनम्
- कवौ — सु
- भानुना — तृतीया, एकवचनम्
- सुपुत्रं — सप्तमी, एकवचनम्
प्रश्न 4. एकवाक्येन् उत्तर लिखत — (6)
- ‘बालक: अधुना पठति’ इत्यास्मिन वाक्ये अव्यय पदं किम्?
- ‘धनं विना जीवनं वृथा भवति’ इत्यास्मिन वाक्ये अव्यय पदं किम्?
- ‘अथ रामायण कथा आरभ्यते’ इत्यास्मिन वाक्ये अव्यय पदं किम्?
- द्वे अव्ययं पदं लिखत्।
- ‘कोलहलं मा कुरु’ इत्यास्मिन वाक्ये अव्यय पदं किम्?
- ‘गज: शनै: शनै: चलति’ इत्यास्मिन वाक्ये अव्यय पदं किम्?
प्रश्न 5. शुद्धवाक्यानां समक्षे ‘आम्’ अशुद्ध वाक्यानां समक्षे ‘न’ लिखत् — (6)
- ‘नास्ति’ इत्यास्मिन् पदे व्यंजन् सन्धि:अस्ति।
- दीर्घ सन्धे: उदाहरणं मनोहर: अस्ति।
- सुरेश: यण सन्धे: उदाहरणं अस्ति।
- सदैव वृद्धि सन्धे: उदाहरणं अस्ति।
- ‘तत् + लीन:’ तोल्लीन: अस्ति।
- ‘महा + औषधि:’ महौषधि: अस्ति।
प्रश्न 6. पुरुष: सिकताभि किं करोति ? (2)
अथवा
वित्तत: क्षीण: कीदृश: भवति ?
प्रश्न 7. जीमूतवाहन: कस्य पुत्र: आसीत् ? (2)
अथवा
के मधु संग्रह व्याघ्रा:अभवन् ?
प्रश्न 8. कवि: कां सम्बोधयति ? (2)
अथवा
स्वर्णकाक: काम् अखादंत् ?
प्रश्न 9. कवि कीदृशी वीणां निनादयितुम् प्रार्थयति ? (2)
अथवा
प्रकृति: केषाम् संरक्षणाय यतते ?
प्रश्न 10. बाल: कदा क्रीडीतुम् अगच्छत् ? (2)
अथवा
जीमूतवाहन: कीदृश: आसीत् ?
प्रश्न 11. सज्जनानाम् मैत्री कीदृशी: भवति ? (2)
अथवा
लोकरक्षा कथं सम्भवति ?
प्रश्न 12. अनधीत: तपोदत्त: कै: गर्हितोSभवत् ? (2)
अथवा
प्रकृते: प्रमुख तत्वानि कानि सन्ति ?
प्रश्न 13. आरूणे मतानुसारं मन: कीदृशं भवति ? (2)
अथवा
कुत्र दरिद्रता न भवेत् ?
प्रश्न 14. अधोलिखितानि कथनानि क: कं प्रति कथयति — (कोSपि द्वै) (2)
- अहं तुभ्यम् ताण्डूलमूल्यं दास्यामि।
- सिकता: जल प्रवाहे स्थास्यन्ति किम्?
- ओ तपस्विन्। कथम् माम् उपरुणतसि।
प्रश्न 15. रेखाङ्कितं पदानि आधृत्य प्रश्न निर्माणं कुरुत — (कोSपि द्वै) (2)
- मल्लिका सखीभि: सह धर्मयात्रायै गच्छति स्म।
- सूर्योदयात् पूर्वमेव बालिका तत्रोपस्थिता।
- मोदकानि पूजानिमित्तानि रचितानि आसन्।
प्रश्न 16. अशुद्ध कारक संशोधनम् कुरुत् — (कोSपि द्वै) (2)
- राम: पुस्तकं पठसि।
- वृक्षं पत्राणि पतन्ति।
- सरस्वती नम:।
प्रश्न 17. अधोलिखितं गद्याशं पठित्वा प्रश्ननानां उत्तराणि संस्कृत भाषायां लिखत — (2)
पुरा कस्मिशिचद् ग्रामे एका निर्धना वृद्धा स्त्री न्यवसत्। तस्या: च एका दुहिता विनम्रा मनोहरा चासीत्। एकदा माता स्थाल्यां तन्दुलान् निक्षिप्य पुत्रीम् आदि शतन् सूर्यातापे ताण्डूलान् खगेभ्यो रक्ष। किञ्चित् काला दनन्तरम् एको विचित्र: काक: समुडाय तस्या: समीपम् अगच्छत् नैतादृश: स्वर्णपक्षो रजत चन्चु स्वर्ण काकस्तया पूर्व दृष्टाम् तं ताण्डूलान् खादन्तं हसन्तन्च विलोक्य बालिका रोदितु मारब्धान।
- ग्रामे का न्यवसत् ?
- दुहिता कीदृशा आसीत् ?
- माता पुत्रीं किम् आदिशत् ?
अथवा
प्रकृति: समेषां प्राणिनां संरक्षणाय यतते। इयं सर्वान् पुष्पानि विविधै: प्रकारै: सुखसाधनै: च तर्पयति। पृथिवि, जलम्, तेज:, वायु: आकाश: च अस्या: प्रमुखाणि तत्वानि। तान्येव मिलित्वा पृथक्त्या वाSस्माकं पर्यावरणं रचयन्ति।आव्रियते परित: समन्तात् लोक: अनेन इति पर्यावरणं। यथा अजातशिशु मातृगर्भे सुरक्षित: तिष्ठति तथैव मानव: पर्यावरण कुक्षौ।
- प्रकृति, केषाम् संरक्षणाय यतते।
- इयम् कान् पुष्पनाति?
- अस्या प्रमुखानि तत्वानि कानि?
प्रश्न 18. अधोलिखितं पद्याशं पठित्वा प्रश्ननानां उत्तराणि संस्कृत भाषायां लिखत — (3)
वृत्तम् यत्नेन् संरक्षेद, वित्तमेति च याति च
अक्षीणो: वित्त: क्षीणो वृत्तस्तु हतो हत:।।
- किं यत्नेन् संरक्षेद् ?
- कस्मात् क्षीण: मानव: हत् ?
- कं एति याति च ?
अथवा
पिवन्ति नद्य: स्वमेव नाभ्य:,
स्वयं न खादन्ति फलानि वृक्षा:।
नादन्ति सस्यं खलु वारिवाहा:,
परोपकाराय सताम् विभूतय:।।
- क: स्वमेव जलं न पिबन्ति ?
- किम् स्वयं न खादन्ति?
- के परोपकाराय कार्यं कुर्वंति?
प्रश्न 19. वर्ण परिचयै: देय: कुरुत् — (कोSपि द्वै)
- माहेश्वर सूत्राणि कति सन्ति?
- दीर्घ स्वर: कति भवंति?
- ‘क’ वर्गस्य उच्चारण स्थानं किम्?
प्रश्न 20. अधोलिखितेषु नाटयांशम् अधिकृत्य प्रश्ननानां उत्तराणि लिखत — (3)
मल्लिका- भो:! अत्र पूजनं न भविष्यति। अहं स्वसथखीभि: सह श्व: प्रात: काशी विश्वनाथ मंदिरं गमिष्यामि, तत्र गङ्गा स्नानं धर्म यात्रान्च वयं करष्याम:।
चंदन:– सखिभि: सह। ल मया सह ?
मल्लिका– आम्! चम्पा, गौरी, माया, मोहनी कपिलाद्या! सर्वा: गच्छन्ति। अत: मया सह तवागामनस्य औचित्यं नास्ति। वयं सप्त हान्ते प्रत्या गमिष्याम:। तावत् गृहम्- व्यवस्थां धेनो: दुग्धदोहन व्यवश्यान्च परिपालय।
- मल्लिका पूजार्थ सखिभि: सह कुत्र गच्छति स्म् ?
- किम् दुग्धदोहन परिपालय ?
- वयम् कदा प्रत्यागमिष्याम: ?
अथवा
भो नरोत्तम! नाSहं जाने यत् कोSस्त भवान्! भवदिभ: उन्मीलितिम् मे। नयनयुगलं। तपोमात्रेण विद्याम वाप्तुम् प्रयतमाण: अहमपि सिकताभिरेव सेतु निर्माणं प्रयासं करोमि। तदिदानिम् विद्याध्ययनाय गुरुकुलवित गच्छामि।
- अन्ति तपोदत्त: विद्याग्रहणाय कुत्र गत: ?
- तपोमात्रेण विद्यां प्राप्तुं तस्य प्रयास: कीदृश: ?
- ‘ग्रहणाय’ इति पदे क: विभक्ति ?
प्रश्न 21. प्रश्नपत्रे समागतान् श्लोककान् विहाय स्व पाठय पुस्तकस्य सूक्तिमौक्तितकम् पाठात् सुभाषितद्वयं श्लोक लेखन् करणीया:। (3)
अथवा
पितरौ प्रति परिक्षाया: परिणाम सूचकं पत्रम्।
प्रश्न 22. अधोलिखितं अपठित गद्याशं सम्यक् पठित्वा प्रश्नानां लिखत। (4)
महाकवि: कालिदास: न केवलं संस्कृत साहित्ये, अपितु विश्व साहित्यस्य श्रेष्ठ: कवि: अस्ति। जर्मनी देशवासिन: तु तं शेक्सपीयर इति कथयन्ति। एष: महान कवि: नाटककार: च आसीत्। कालिदास: सप्त रचनान् अरचयत्। सौंदर्य-वर्णने काव्य प्रति भायां च महाकवि: कालिदास: अद्यापि अप्रतिम: वर्तते। भारतीय महाकविषुस: कविकूल गुरु: इति नाम्ना प्रसिद्धमस्ति।
- क: श्रेष्ठ: कवि: अस्ति ?
- कालिदासस्य कतिं रचना: सन्ति ?
- जर्मनीवासिनी: कालिदासं किं कथयन्ति ?
प्रश्न 23. अधोलिखितेषु विषयेषु एकस्य विषये निबंध लेखनं संस्कृतभाषायां लिखत — (4)
- संस्कृतभाषाया: महत्वम्
- महाकवि: कालिदास:
- अस्माकं भारतदेश
- अनुशासनम्
- परोपकार:
MP Board 9th संस्कृत अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2025-26 का महत्व –
अर्द्धवार्षिक परीक्षा, जिसे क्वार्टरली परीक्षा भी कहते हैं, छात्रों को यह समझने का मौका देती है कि उन्होंने साल की शुरुआत में कितनी अच्छी तरह से पढ़ाई की है। इसके कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार हैं:
* आत्म-मूल्यांकन: छात्र अपने मजबूत और कमजोर विषयों को पहचान सकते हैं।
* समय-प्रबंधन: वे समय-सीमा के भीतर प्रश्नों को हल करने का अभ्यास कर सकते हैं।
* फाइनल परीक्षा की तैयारी: यह परीक्षा वार्षिक बोर्ड परीक्षा के पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार से परिचित कराती है। इसमें प्राप्त अंक सीधे तौर पर अंतिम परिणाम में नहीं जुड़ते, लेकिन अच्छे अंक लाना आत्मविश्वास बढ़ाता है।
MP Board 9वीं अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2025-26 का सिलेबस और टाइम टेबल सिलेबस ( Arddhavaarshik Paper 2025-26 Syllabus):
एमपी बोर्ड 9वीं Arddhavaarshik pareeksha 2025-26 का सिलेबस बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के पहले तीन महीनों पर आधारित होगा। आमतौर पर इसमें पाठ्यक्रम का लगभग 30% से 40% हिस्सा शामिल होता है। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किए गए संशोधित पाठ्यक्रम को देखें। अर्द्धवार्षिक परीक्षा के सिलेबस में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, सामाजिक संस्कृत और संस्कृत जैसे सभी मुख्य विषयों के शुरुआती अध्याय शामिल होंगे।
MP Board टाइम टेबल (Time Table):
MP Board 9th संस्कृत अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2025-26 का टाइम टेबल आमतौर पर परीक्षा से कुछ सप्ताह पहले जारी किया जाता है। ये परीक्षाएँ आमतौर पर अगस्त या सितंबर के महीनों में आयोजित की जाती हैं। छात्रों को नवीनतम जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट और MPBSE की आधिकारिक वेबसाइट (mpbse.nic.in) पर नियमित रूप से विजिट करने की सलाह दी जाती है। टाइम टेबल जारी होते ही हम यहाँ अपडेट करेंगे।
MP Board 9th संस्कृत Arddhavaarshik Paper 2025-26 कहाँ और कैसे डाउनलोड करें?
परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज अभ्यास प्रश्न पत्र (practice papers) हैं। ये प्रश्न पत्र छात्रों को परीक्षा पैटर्न को समझने में मदद करते हैं।
- आधिकारिक प्रश्न पत्र: शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आधिकारिक त्रैमासिक प्रश्न पत्र परीक्षा से ठीक पहले ही उपलब्ध होते हैं।
- पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र (Previous Year Papers): तैयारी के लिए सबसे अच्छा तरीका पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों का अभ्यास करना है। ये प्रश्न पत्र परीक्षा के पैटर्न और महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझने में मदद करते हैं। आप हमारी वेबसाइट पर पिछले साल के MP Board 9th संस्कृत Arddhavaarshik pareeksha 2025-26 PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
- महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions): हम विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए महत्वपूर्ण प्रश्नों का एक सेट भी प्रदान करेंगे जो परीक्षा में पूछे जाने की अधिक संभावना रखते हैं।
📢 NOTE:
यदि आपको कोई भी विषय का पेपर डाउनलोड करने में परेशानी हो, तो कमेंट में बताएं – हम आपको तुरंत सहायता करेंगे।

